THE GREATEST GUIDE TO #ISLAMIC #SABAQ #DEEN #KA

The Greatest Guide To #islamic #sabaq #deen #ka

The Greatest Guide To #islamic #sabaq #deen #ka

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आज जिस पश्चिमी सभ्यता को महिलाओं का उद्धारक समझा जाता है। जबकि अगर गहराई के साथ सोंचा जाए तो उसने महिलाओं के अपमान में कोई कसर नहीं छोड़ी,और #islamic #sabaq #deen #ka स्वतंत्रता के नाम पर उसको इस बात पर मजबूर कर दिया कि वह माँ होने की भी ज़िम्मेदारी पूरी करे और बाप की जिम्मेदारी का भी कुछ हिस्सा अपने उपर ले ले। उसे बच्चे को भी जन्म देना है,अपने बच्चों को दूध भी पिलाना है और उसके पालन-पोषण की भी जिम्मेदारी उठाना है। घरेलू कामों से भी निपटना है और साथ ही साथ नौकरी भी करनी है। और आमदनी बढ़ाने में भी हाथ बँटाना है। और फिर उसे इस प्रकार अपमानित किया गया कि माचिस की डिबिया से लेकर जेवरात, कपड़ों और फिल्मों के प्रचार तक हर जगह उसकी सुंदरता का प्रदर्शन किया जाता है और उसके मान सम्मान को निर्वस्त्र किया जाता है। क्या कोई सभ्य व्यक्ति अपनी माँ बहन या बेटी को निर्वस्त्र अवस्था में देखना स्वीकार करेगा?

lihaza muslim sirf naam se nahi hota balke use Islam ke nuqta e nazar aur amal ka hamil hona bhi zaruri hai.

अध्यक्ष ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड

Islam ek aisi mumlikat hai ke jis ki sarhaden atal hain aur woh sarhaden khuda wandi dastur se bani huwi hain, jo qila band Shaher panah ki manind hain. Zamane ki kisi zarab se na wo toot sakti hain aur na hal sakti hain. Ye mumkin hai ke kuch log in sarhadon se bahar nikal jayen magar ye un ki ta’addi hogi, hudood apni hee jageh atal rahen gi.

آل انڈیا مسلم پرسنل لا بورڈ کے پیغامات, اعلانات ,اکابر علماء کےبیانات, اصلاحی مضامین و مقالات, بورڈ کی اہم شخصیات پر لکھے گئے مضامین حاصل کرنے اور ہنگامی مسائل سے متعلق بورڈ کا موقف جاننے, نیز بورڈ کی موجودہ سرگرمیوں سے باخبر رہنے کے لئے بورڈ کے آفیشیئل فیس بک پیج کو لائک کریں:

अमीर-ए-शरीयत हज़रत मौलाना वली रहमानी दामत बरकातहुम

Jab insaan dil mein bassy sehra mein bhatak raha ho tou shehro’n ka hajoom bhi iski tanhai door nahi ker sakta.

(पुर्व जनरल सेक्रेटरी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड)

हमारी जिम्मेदारी है कि हम हक को पूरी जर्अत के साथ पेश करें.

Is sazish ko samjhen, dushman ki aiyyari se mutassir na ho, firasat e emani se kaam len aur ukhuwat-e-islami ko har rishta-w-ilakhe se zyada aziz rakhe agar humne khuda se apna taluk istewa raka aur tadbur hiqmat-w-wehdat-w-ishtemaiyat ka daman nah choda toh koi nahi jo humari rah rok sake warna ye aisa nuksaan hoga ki kabi aur kisi tarha shayad iski talafi mumkin nah ho.

वही कानून सबसे ज्यादा पसंदीदा और काबिले कबूल हो सकता है जो समाज को अच्छी और ऊंची कदरों से परिचित कराने की सलाहियत रखता हो, और जिसमें व्यक्ति को एक दायरे में रखकर आजादी और विकास के अवसर प्राप्त हों। ऐसा कानून वही वही तैयार कर सकता है जो समाज की बुनियाद, पिछले परिवर्तनों और आने वाले इंकलाबात की सही जानकारी रखता हो, और जिसे इंसान के दिल की बातें, मानसिक रुजहान और व्यक्तिगत नफसियात का पूरा अंदाजा हो। कोई भी इंसान अपनी अद्वितीय बुद्धि, बृहद अनुभव और गहरे विद्वता के बाद भी प्रत्येक व्यक्ति की नफसियात, जज्बात और ख्वाहिशात की पूरी जानकारी नहीं रखता और न ही उसे देश व समाज की इतनी विस्तृत जानकारी हो सकती है कि वह पुर्व की जानकारी के साथ भविष्य की पूरी जानकारी रखे, इसीलिये इंसानों के बनाये हुए सभी कवानीन टूटते रहते हैं, और प्रत्येक नया तजुर्बा इंसानों के बनाये हुए कवानीन की नाकामी का एलान करता रहता है।

Qur’an majid ka asl paigham yahi dawat-e-taheed hai aur ghaor kare to hamare baradrane watan ki muqaddas mazhabi kitaben bhi tauheed ki wazeh talimat aur na-qabil ta’awil tashrihat se mamur hain.

तहरीके इस्लाहे मुआशेरा अॉल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

तहरीके इस्लाहे मुआशरा अॉल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड

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